बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की जानिए प्रेरणादायी कहानी किस्मत भी हमेशा बहादुर लोगों का ही साथ देती है। जो लोग मेहनत करते हैं, खुद पर विश्वास रखते हैं उन्हें बड़ी मुश्किलें भी कभी हरा नहीं पाती।

Introduction :
भारत को लगातार दो ओलंपिक्स में मेडल जिताने वाली भारत की प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu)। पीवी सिंधु के नाम से आज भारत का बच्चा- बच्चा वाकिफ है। उन्होंने पहले रियो ओलंपिक में भारत को रजत पदक दिलाया और फिर टोक्यो ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत Bronze मेडल यानी कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। कठिन संघर्ष, घोर तपस्या और लक्ष्य के प्रति एकाग्र दृष्टि, पीवी सिंधु (PV Sindhu) की सफलता के मुख्य सूत्र हैं। हैदराबाद की गलियों से निकलकर ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करने तक का सफर तय करना पीवी सिंधु के लिए आसान नहीं था। इस बीच उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सिंधु ने कैसे हर मैदान को फतह किया है, आइए जानते हैं उनके जीवन का प्रेरणादायी सफर।
Biography :
5 जुलाई 1995 को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में जन्मी पीवी सिन्धु (PV Sindhu) के पिता पी रमन्ना और माता पी विजेता दोनों राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। वो फेमस बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचन्द को अपना आदर्श मानतीं हैं। उन्होंने अपने शुरूआती दौर में बैडमिंटन की ट्रेनिंग सिकंदराबाद में महबूब खान की देख−रेख में ली थी। उनकी बैडमिंटन के प्रति जुनून और लगन इतनी थी कि उनका चयन जल्द ही गोपीचन्द की अकादमी में हो गया। उनकी असली ट्रेनिंग इसी अकादमी में हुई। पीवी सिन्धु जब 8 साल की थी तब से वो बैडमिंटन खेल रही हैं।उन्होंने अंडर- 10 आयु वर्ग में कई खिताब जीते। सिंधु ने अंडर- 10 कैटेगिरी की पाँचवीं सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप जीती थी। इसके अलावा पीवी सिंधु ने ऑल इंडिया रैंकिंग में अंबुजा सीमेंट की ओर से एकल खिताब भी जीता।
Sindhu Career :
बैडमिंटन के खेल में भारत का नाम रौशन करने वाली पीवी सिंधु (PV Sindhu) कई सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं। 2010 में मैक्सिको में जूनियर विश्व चैम्पियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक का सफर भी उन्होंने तय किया। 2010 उबर कप में वह भारतीय महिला टीम की सदस्य भी थीं। 2012 में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर अंडर- 19 यूथ एशियन बैडमिंटन चैम्पियनशिप का खिताब अपने नाम किया। 2014 में हुई विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में लगातार दूसरा रजत पदक जीत कर इतिहास रच दिया था। वह विश्व चैम्पियनशिप में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बन गईं।
पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने 2018 कॉमनवेल्थ खेलों में मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मैडल जीता था, इसके साथ ही महिला सिंगल्स में उन्हें सिल्वर मैडल मिला था। लेकिन पीवी सिंधु ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करना चाहती थी। इसी कड़ी में पीवी सिंधु ने 2016 में हुए रियो ओलंपिक में सिल्वर मैडल अपने नाम किया था। सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया था और इसके साथ ही वह देश की सबसे कम उम्र की मैडल जीतने वाली खिलाड़ी बनी। जिसके बाद साल 2021 में आयोजित हुए टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा।

पीवी सिंधु (PV Sindhu) की ट्रेनिंग काफी अलग थी। उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए उनके कोच हैदराबाद के स्टेडियम में दूसरी एकेडमी से तीन-चार लड़कों को बुला लेते थे। कोर्ट में एक तरफ सिंधु होती थीं तो सामने की तरफ तीन- तीन शटलर होते थे। एक शटलर सामने की तरफ होता था, दो बैक कोर्ट में होते थे। वे हर पांच- दस मिनट में अपनी पोजीशन बदल लिया करते थे। सिंधु के साथ उनके कोच भी कुछ अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के पुराने वीडियोज देखकर उनके खेल को समझने की कोशिश करते थे। इससे सिंधु का गेम ज्यादा मजबूत हुआ।
Sindhu Awards :
- 2013 में अर्जुन अवार्ड, 2015 में पद्मश्री अवार्ड, 2016 में खेल रत्न, 2020 में पद्मभूषण एवं 2020 में इंडियन स्पोर्ट्स वूमेन ऑफ द ईयर सहित कई बड़े सम्मान से सम्मानित हो चुकीं है।
- यही नहीं उन्हें 2016 एफआईसीसीआई ब्रेकथ्रु स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ द ईयर, से सम्मानित हो चुकीं है।
- 2014 एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला सिंगल्स का सिल्वर मेडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल,
- 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल, और अब उन्हें टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल से भी नवाजा गया है।
Networth And Investment :
Networth :
- पीवी सिंधु की आय के 3 प्रमुख स्रोत जो उनकी 60 करोड़ रुपये की प्रभावशाली कुल संपत्ति में योगदान करते हैं
Investment :
- इस साल की शुरुआत में, वह गुरुग्राम स्थित वेलनेस ब्रांड हूप की निवेशक और ब्रांड एंबेसडर बनीं
- सीएनबीसी के अनुसार, उन्होंने एग्रीटेक स्टार्टअप ग्रीनडे के एफएमसीजी ब्रांड बेटर न्यूट्रिशन में भी निवेश किया।
- बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, सिंधु के पास एयरोस्पेस कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी आज़ाद इंजीनियरिंग में हिस्सेदारी है।
Cae Collection :
- BMW X5,
- BMW 320D
- Mahindra Thar.
P V Sindhu Networth

Conclusion :
इस Success story of पीवी सिंधु in hindi से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आप को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली होगी। दोस्तो जीवन में सफल होने के लिए और इतिहास रचने के लिए हमें सफल लोगों की सफलता की कहानी पड़ते रहना चाहिए I
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असफलता से डरो मत —असफलता नहीं, बल्कि छोटा लक्ष्य बनाना अपराध है। महान प्रयसों में असफल होना भी शानदार होता है।
पीवी सिंधु का जन्म कब हुआ था ?
5 July 1995,
पी वी सिंधु के Husband कोन है?
Venkata Datta Sai
टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने ……. कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रौशन किया है।
Bronze मेडल