अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सायना नेहवाल की शुरुआत 2006 में हुई. उस वर्ष नेहवाल ने 4-स्टार ख़िताब, फिलीपींस ओपन जीता और इस वर्ष नेहवाल ने कई उलटफेर भी किए.बैडमिंटन के एकल मुकाबलों में क्वार्टर फाइनल तक का सफ़र तय किया था I

Introduction :
हर युवा की तरह उभरती हुई बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने भी कुछ सपने देखे और आज वे धीरे-धीरे उन्हें हकीकत में बदल रही हैं। आज सायना विश्व की पाँचवे नंबर की बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। दो साल पहले उन्होंने खुद को विश्व के शीर्ष 10 खिलाड़ियों में देखने का लक्ष्य रखा था और आज वो विश्व के शीर्ष पाँच खिलाड़ियों में शामिल हैं। 8 साल की उम्र में बैडमिंटन रैकेट थाम चुकी सायना आज विश्व रैंकिंग में पाँचवे स्थान पर पहुँच गई हैं। सायना ने शुरुआती प्रशिक्षण हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में कोच नानी प्रसाद से प्राप्त किया। माता-पिता दोनो के बैडमिंटन खिलाड़ी होने के कारण सायना का बैडमिंटन की ओर रुझान शुरु से ही था।पिता हरवीर सिंह ने बेटी की रुचि को देखते हुए उसे पुरा सहयोग और प्रोत्साहन दिया। सायना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं। वे विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं। ओलिम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन के क्वार्टरफाइनल तक पहुँचने वाली वे देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं।
Biography :
17 मार्च 1990 को हिसार हरयाणा में जन्मी नेहवाल का अधिकांश समय हैदराबाद में गुजरा है. सायना नेहवाल की बैडमिंटन के प्रति रूचि का श्रेय उनके माता पिता को जाता है. सायना के पिता डा. हरवीर सिंह जो तिलहन अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद में वैज्ञानिक हैं और माता उषा नेहवाल हरियाणा के पूर्व बैडमिंटन चैंपियन रह चुके थे अतः बेटी की इस खेल के प्रति दिलचस्पी स्वभाविक थी. आठ वर्ष कि उम्र में सायना नेहवाल के पिता सायना को बैडमिंटन कोच नानी प्रसाद के पास लाल बहादुर स्टेडियम ले गए जहाँ सायना की प्रतिभा देख प्रसाद ने सायना नेहवाल को अपनी संरक्षण में ले लिया. शुरुआती दिनों में नेहवाल को बैडमिंटन का ऐसा चस्का लगा कि वह सुबह चार बजे उठकर 25 किलोमीटर बैडमिंटन सीखने जाती थीं. सायना नेहवाल की इस खेल के प्रति रूचि देख उनके माता-पिता भी बहुत प्रभावित हुए अतः सायना नेहवाल की कोचिंग फीस को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने बचत और भविष्य निधि खातों से भी पैसे खर्च करना शुरू कर दिया.
Saina Career :
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सायना नेहवाल की शुरुआत 2006 में हुई. उस वर्ष नेहवाल ने 4-स्टार ख़िताब, फिलीपींस ओपन जीता और इस वर्ष नेहवाल ने कई उलटफेर भी किए. 2006 में अपने अच्छे प्रदर्शन के द्वारा सायना नेहवाल के गिनती विश्व की उभरती हुई प्रतिभाओं में होने लगी. सायना नेहवाल पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिसने ओलंपिक में बैडमिंटन के एकल मुकाबलों में क्वार्टर फाइनल तक का सफ़र तय किया था और जिसने विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में ख़िताब जीता था. 21 जून 2009 में सायना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए सुपर सीरीज टूर्नामेंट जीता था. सायना नेहवाल के कोच अतीक जौहरी का मानना है कि सायना नेहवाल एक दिन विश्व की चोटी की खिलाड़ी होंगी.
सायना नेहवाल के बैडमिंटन कॅरियर पर पूर्व आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियन भारत के पुलेला गोपीचंद की छाप बहुत गहरी है. सायना नेहवाल भी उन्हें गुरु की तरह मानती है.2002 में खेल ब्रांड योनेक्स ने सायना के किट को प्रायोजित किया. वर्ष 2004 में बीपीसीएल ने सायना को अपने पेरोल पर रखा और बाद में सन 2005 में जब सायना की ख्याति बढ़ने लगी तो मित्तल चैंपियंस ट्रस्ट ने उनकी सभी सुविधओं का ज़िम्मा ले लिया.सायना उन तमाम लड़कियों के लिए भी एक आदर्श बनकर उभरी हैं जो कुछ कर दिखाने का जज्बा रखती हैं और आगे बढ़ना चाहती हैं। महिला सशक्तिकरण में उनका अप्रत्यक्ष योगदान है। मीडिया की चकाचौध और बयानबाजी से दूर रहते हुए देश में महिलाओं के विकास में सायना का योगदान अतुलनीय और अनुकरणीय है।

Networth And Investment :
Networth :
- 2023 तक, साइना की कुल संपत्ति लगभग $5 मिलियन (36 करोड़ रुपये) से $12 मिलियन तक होने का अनुमान है I
Investment :
- Naarica, a D2C femtech brand specializing in reusable menstrual hygiene products.
Car Collection :
- BMW X6,
- BMW 3 Series,
- Hyundai Creta,
- Mini Cooper.
- Mercedes GLE 53,
Saina Nehwal Networth

Conclusion :
इस Success story of सायना नेहवाल in hindi से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आप को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली होगी। दोस्तो जीवन में सफल होने के लिए और इतिहास रचने के लिए हमें सफल लोगों की सफलता की कहानी पड़ते रहना चाहिए I
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सायना नेहवाल का जन्म कब हुआ था ?
17 मार्च 1990
अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सायना नेहवाल की शुरुआत …. में हुई.
2006
……. में सायना नेहवाल ने इतिहास रचते हुए सुपर सीरीज टूर्नामेंट जीता था.
21 जून 2009