Major Dhyanchand Networth :

हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध मेजर ध्यान चंद बहु प्रतिष्ठित बेहतरीन हॉकी प्लेयर थे। गोल करने की उनके क्षमता अद्भुत थी और अक्सर विरोधी टीम भारत के इस खिलाड़ी के सामने घुटने टेकते हुए नजर आते थे।

Major Dhyanchand Networth

Introduction :

हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध मेजर ध्यान चंद बहु प्रतिष्ठित बेहतरीन हॉकी प्लेयर थे। गोल करने की उनके क्षमता अद्भुत थी और अक्सर विरोधी टीम भारत के इस खिलाड़ी के सामने घुटने टेकते हुए नजर आते थे। 29 अगस्त को आने वाला उनका जन्मदिन भारत में राष्ट्रिय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है और भारत के राष्ट्रपति ने भी उन्होंने राजीव गाँधी खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य अवार्ड से इस दिन सम्मानित भी किया गया है। जिस समय भारतीय हॉकी टीम ने पूरी दुनिया में अपना दबदबा बनाया हुआ था। हर मैच में हॉकी की गेंद पर उनकी अद्भुत पकड़ होती थी और गेंद को घसीटने में भी वे बेहतर थे। बल्कि गेंद को घसीटने की उनकी कला अविश्वसनीय थी। लोग उन्हें हॉकी की स्टिक से खेलने वाला जादूगर कहकर ही बुलाते थे।हॉकी को अन्य शुरुआती खेलों, जैसे हर्लिंग और शिंटी से भी पहचाना जा सकता है। मध्य युग के दौरान होकेट नामक एक फ्रांसीसी स्टिक गेम खेला जाता था,

hploveshayari.com

Biography :

मेजर ध्यानचंद सिंह (29 अगस्त 1905 – 3 दिसंबर 1979) एक भारतीय फील्ड हॉकी खिलाड़ी थे। उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है और उन्हें सबसे महान फील्ड हॉकी खिलाड़ियों में से एक माना जाता है. उन्होंने तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता.जन्म और प्रारंभिक जीवन:मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था.उनके पिता का नाम समेश्वर दत्त सिंह था, जो सेना में सूबेदार के पद पर थे.उनकी माँ का नाम शारदा सिंह था.वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे, अन्य दो भाई मूल सिंह और रूप सिंह थे.सेवानिवृत्ति के बाद वे राजस्थान के माउंट आबू में कोच का काम करने लगे। बाद में उन्होंने पटियाला के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट के मुख्य हॉकी कोच होने के पद को स्वीकार किया और कई वर्षों तक उसी पद रहते हुए काम भी किया।और दक्षिण अमेरिका के एज़्टेक भारतीयों द्वारा खेले जाने वाले स्टिक गेम के निशान पाए गए हैं।

Career :

फील्ड हॉकी, 11 खिलाड़ियों की दो विरोधी टीमों द्वारा खेला जाने वाला आउटडोर खेल, जो स्ट्राइकिंग एंड पर घुमावदार स्टिक का उपयोग करके अपने प्रतिद्वंद्वी के गोल में एक छोटी, कठोर गेंद को हिट करते हैं। इसे बर्फ पर खेले जाने वाले समान खेल से अलग करने के लिए इसे फील्ड हॉकी कहा जाता है।माना जाता है कि हॉकी की शुरुआत सबसे शुरुआती सभ्यताओं से हुई है। और अंग्रेजी शब्द इसी से लिया गया हो सकता है।19वीं सदी के अंत में इंग्लिश स्कूलों में हॉकी खेली जाने लगी और दक्षिण-पूर्वी लंदन के ब्लैकहीथ में पहले पुरुष हॉकी क्लब ने 1861 में एक मिनट बुक दर्ज की। लंदन के एक अन्य क्लब, टेडिंगटन ने कई प्रमुख बदलाव किए, जिनमें हाथों का उपयोग करने या कंधे से ऊपर स्टिक उठाने पर प्रतिबंध, रबर क्यूब के स्थान पर गेंद के रूप में एक गोले का उपयोग और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, एक स्ट्राइकिंग सर्कल को अपनाना शामिल था, जिसे 1886 में लंदन में नव स्थापित हॉकी एसोसिएशन के नियमों में शामिल किया गया था।

Major Dhyanchand Networth

Awards :

  • भारतीय टीम के सदस्य थे जिन्होंने 1928, 1932 और 1936 के ओलिंपिक में गोल्ड मैडल जीता था।
  • अपने पूरे हॉकी करियर में उन्होंने तक़रीबन 1000 से भी ज्यादा गोल किये, जिनमें से 400 उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किये थे।
  • 1956 में हॉकी फील्ड में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
hploveshayari.com

Investment :

  • मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम की प्रतिकृति भी बनाई गई है.
  • झांसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने मेजर ध्यानचंद संग्रहालय के निर्माण के लिए निवेश किया है.
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए बजटीय आवंटन किया है..
  • मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के प्राप्तकर्ता को 25 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है, जो आयकर और संपत्ति कर से मुक्त है.

Conclusion :

इस Success story of मेजर ध्यान चंद in hindi से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आप को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली होगी। दोस्तो जीवन में सफल होने के लिए और इतिहास रचने के लिए हमें सफल लोगों की सफलता की कहानी पड़ते रहना चाहिए I

हम आपको इस website पर रोज एक successful बनाना आदमी की कहानी पब्लिश करते हैं। इसलिए आप billionairenetworth.com वेबसाइट को फॉलो जरूर करें और यह Success Story Of मेजर ध्यान चंद को सभी दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top