बचपन में भारी जलावन लकड़ियों के बोझ को आसानी से उठा लेनी वाली चानू ने आज टोक्यो में कुल 202 किलोग्राम के वज़न को उठाकर पदक विजेता बनी है और उनका यह सफर बेहद प्रेरणादायी रहा।

Introduction :
बचपन में भारी जलावन लकड़ियों के बोझ को आसानी से उठा लेनी वाली चानू ने आज टोक्यो में कुल 202 किलोग्राम के वज़न को उठाकर पदक विजेता बनी है और उनका यह सफर बेहद प्रेरणादायी रहा। इम्फाल से करीब 20 किलोमीटर दूर नोंगपोक काकचिंग गाँव के एक साधारण से परिवार में जन्मी चानू ने 6 भाई बहनों में सबसे छोटी थी पर उनका सपना बहुत बड़ा था।
उनके बड़े भाई बताते हैं कि बचपन में वे सभी बड़ों से ज़्यादा वज़न की लकड़ियां काफी आसानी से उठा लेती थी। उनके पिता पब्लिक वर्क्स विभाग में कर्मचारी थे तो वहीं मां गांव में ही छोटी सी दुकान चलाती थी। सभी दिक्कतों और चुनौतियों को पारन करके चानू ने पिछले कुछ सालों में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय भारत्तोलन जगत में अपना नाम बनाया है।
Biography :
मीराबाई चानू (जन्म 9 अगस्त 1994) एक भारतीय भारोत्तोलक हैं। उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 49 किलोग्राम स्पर्धा में रजत पदक जीता । उन्होंने विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते हैं । उन्हें 2018 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न से सम्मानित किया गया था ।चानू ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स , ग्लासगो में महिलाओं के 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता.
उन्होंने गोल्ड कोस्ट में आयोजित इस आयोजन के 2018 संस्करण में स्वर्ण पदक के रास्ते में खेलों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2020 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से पहले, उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में आई, जब उन्होंने कैलिफोर्निया के अनाहेम में आयोजित विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। वह 49 किलोग्राम वर्ग में क्लीन एंड जर्क में पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक हैं । 2022 में, वह आई-लीग क्लब NEROCA में इसके ब्रांड एंबेसडर के रूप में शामिल हुईं ।
Career :
तीरंदाज़ी पर थी नज़र चानू अपने एक इंटरव्यू में बताती हैं कि जब भाइयों के साथ फुटबॉल खेला करती थी तब उनके सभी कपड़े गंदे हो जाया करते थे। उन्हें ऐसा खेल खेलना था जिसमें उनके कपड़े और शरीर साफ़ रहे। पहले उनका रुझान तीरंदाज़ी की ओर था। पैशन का अनुसरण करते हुए उन्होंने वेटलिफ्टिंग को चुना और शुरूआती उम्र से ही ट्रेनिंग शुरू कर दी।रियो ओलंपिक से पहले का दौर उनके करियर में सबसे महत्वपूर्ण रहा है। उस दौरान एक वक्त ऐसा आया, जब उनके घर की खराब आर्थिक स्थिति की वजह से यह लगा कि वो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पायेंगी।
उनके घर वालों ने उनसे (WeightLifting)भारोत्तोलन छोड़ने के बारे में सोचने को भी कह दिया था। खुशकिस्मती से उन्होने प्रतिकूल परिस्थितियों में ओलंपिक(2016) के लिए क्वालीफाई किया। भले ही वो वहां अच्छा नहीं खेल पाई, पर विश्व चैंपियनशिप की मौजूदा जीत ने उन्हें प्रेरित किया ओलंपिक(2020) के लिये।20 साल की उम्र में ही 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में रजत पदक हासिल कर चानू सुर्ख़ियों में आयी थी। 2016 के रिओ ओलिंपिक में भारत की ओर से पदक की मज़बूत दावेदार थी परन्तु वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दिखा पाई जिसका मलाल उनको रहा।
रिओ के बाद से उन्होंने अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी पदकों का सिलसिला बनाये रखा। हालांकि 2020 में वे कंधे की चोट से परेशान थी परन्तु उन्होंने अमेरिका जाकर अपनी ट्रेनिंग पूरी की और टोक्यो में भारत के लिए पदक लाने की उम्मीदों को बनाए रखा। आज पदक जीतने के साथ ही चानू ने रिओ में अधूरे रहे अपने सपने को साकार कर दिखाया है। उन्होंने 49 किलो महिला श्रेणी में ओलंपिक रजत पदक हासिल किया है। पदक जीतते ही ट्विटर पर बधाई सन्देश आने प्रारम्भ हो गए, पधानमंत्री मोदी ने भी भारत के पहले पदक और चानू की सफलता के लिए बधाई ट्वीट किया।मीराबाई चानू वर्तमान में मणिपुर राज्य पुलिस में Additional Superintendent of Police के रूप में नियुक्त हैं I

Olympic Benefits :
- रेल मंत्रालय (भारत) ने उनकी ओलंपिक सफलता को 2 करोड़ रुपये (लगभग $240,000 अमरीकी डॉलर) के उदार पुरस्कार के साथ स्वीकार किया और उन्हें पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में पदोन्नत किया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी उनकी उपलब्धि को 50 लाख रुपये (लगभग $60,000 अमरीकी डॉलर) से सम्मानित किया।
- इसके अतिरिक्त, भारतीय ओलंपिक संघ ने उन्हें 40 लाख रुपये (लगभग $48,000 अमरीकी डॉलर) से सम्मानित किया। इन महत्वपूर्ण पुरस्कारों के अलावा, चानू को अन्य उल्लेखनीय मान्यताएँ भी मिली हैं। मणिपुर सरकार ने उन्हें 2017 विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के लिए 20 लाख रुपये (लगभग $24,000 अमरीकी डॉलर) से सम्मानित किया।
- उन्होंने 2020 टोक्यो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए उनकी योग्यता के लिए 10 लाख रुपये (लगभग $12,000 अमरीकी डॉलर) और इस आयोजन में उनकी भागीदारी के लिए 25 लाख रुपये (लगभग $30,000 अमरीकी डॉलर) भी प्रदान किए।
Networth :
2024 तक, चानू की कुल संपत्ति लगभग 7 करोड़ रुपये है.
Car Collection :
मीराबाई चानू के कार संग्रह में मुख्य रूप से एक रेनॉल्ट काइगर एसयूवी शामिल है, जो उन्हें 2020 में टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद रेनॉल्ट इंडिया द्वारा उपहार में दी गई थी I

Conflusion :
इस Success story of Mirabai Chanu in hindi से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आप को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली होगी। दोस्तो जीवन में सफल होने के लिए और इतिहास रचने के लिए हमें सफल लोगों की सफलता की कहानी पड़ते रहना चाहिए I
हम आपको इस website पर रोज एक successful बनाना आदमी की कहानी पब्लिश करते हैं। इसलिए आप billionairenetworth.com वेबसाइट को फॉलो जरूर करें और यह Success Story Of Mirabai Chanu को सभी दोस्तो के साथ शेयर करना ना भूले।
मीराबाई चानू (जन्म 9 अगस्त 1994) एक भारतीय ……. हैं।
भारोत्तोलक
मीराबाई चानू का जन्म कब हुआ ?
जन्म 9 अगस्त 1994
टोक्यो में कुल किलोग्राम के वज़न को उठाकर पदक विजेता बनी है
202